बहराइच। जनपद में “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत हत्या के एक मामले में दोषी पाए गए आरोपी को आजीवन कारावास एवं ₹1,10,000/- के अर्थदंड से दंडित किया गया। यह सजा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ASJ-I) पवन कुमार शर्मा-II की अदालत ने सुनाई।
मामले का विवरण
वादिनी तरन्नुम पत्नी चांदबाबू, निवासी ग्राम कलुवापुर, थाना रानीपुर, बहराइच ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि उसकी मां नूरबानो ने अपने पहले पति मो. इरशाद को छोड़कर छह साल पहले इंतजार पुत्र मो. शेर (निवासी पलरी बाग, थाना दरगाह शरीफ, बहराइच) से शादी की थी। लेकिन दोनों के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। वादिनी को सूचना मिली कि उसकी मां की हत्या कर दी गई है। जब वह अपने पति के साथ अपनी मां के घर पहुंची तो देखा कि उसकी मां का शव बरामदे में पड़ा था और गले पर नाखून के निशान थे।
पुलिस जांच में पता चला कि मृतका अपनी संपत्ति अपने बेटे मो. समीर के नाम करना चाहती थी, जिसका इंतजार विरोध कर रहा था। इसी कारण उसने हत्या की साजिश रची। इस मामले में थाना दरगाह शरीफ में 03 अप्रैल 2018 को मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचक राम प्रकाश यादव ने साक्ष्यों के आधार पर 13 मई 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
अपराध सिद्ध होने पर सजा
जनपदीय पुलिस द्वारा “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत इस मामले में प्रभावी पैरवी की गई। कोर्ट में ADGC क्रिमिनल प्रमोद कुमार सिंह, प्रभारी थाना दरगाह शरीफ, कोर्ट मोहर्रिर विनय कुमार, कांस्टेबल रवि प्रकाश शर्मा और थाना पैरोकार कांस्टेबल शैलेश शर्मा की प्रभावी पैरवी के चलते अदालत ने 12 मार्च 2025 को आरोपी इंतजार को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
सजा का विवरण
✔ धारा 302 भा.द.वि. के तहत सश्रम आजीवन कारावास व ₹1,00,000/- का अर्थदंड। अर्थदंड न देने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास।
✔ धारा 201 भा.द.वि. के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹10,000/- का अर्थदंड। अर्थदंड न देने पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास।
यह सजा जनपद बहराइच की अदालत द्वारा दी गई, जिससे यह संदेश जाता है कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।