October 19, 2025 10:19 am

सीतापुर के वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई की हत्या पर पत्रकारों में उबाल, दोषियों को कड़ी सजा की मांग

पत्रकार एकता जिंदाबाद! हत्यारों को फांसी दो! के नारों से गूंजा तहसील परिसर।

गोंडा, कर्नलगंज: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई की नृशंस हत्या ने पत्रकार समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस दिनदहाड़े हुई गोलीकांड को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताते हुए पत्रकारों ने दोषियों को कड़ी सजा देने और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है।

सोमवार को कर्नलगंज तहसील परिसर में जुटे पत्रकारों ने दिवंगत साथी को श्रद्धांजलि अर्पित की और सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। इस दौरान “पत्रकार एकता जिंदाबाद”, “हत्यारों को फांसी दो” जैसे गगनभेदी नारे लगाए गए। पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से पत्रकार सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग की।

द जर्नलिस्ट एसोसिएशन गोंडा ने सौंपा ज्ञापन

इस जघन्य अपराध के विरोध में, द जर्नलिस्ट एसोसिएशन गोंडा के जिलाध्यक्ष महादेव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में पत्रकारों ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी गईं:

1. दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।

2. पीड़ित परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए।

3. परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

पत्रकारों ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि शीघ्र दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा।

पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की उठी मांग

पत्रकारों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से यह मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाया जाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पत्रकारों ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के नाते, पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।

इस दौरान वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि राघवेन्द्र बाजपेई की हत्या केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि पत्रकारिता पर एक बड़ा हमला है। यह घटना लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है और यदि दोषियों को शीघ्र न्याय नहीं मिला, तो पत्रकार समाज सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होगा।

पत्रकारों की एकजुटता से गूंजा तहसील परिसर

गोंडा जिले के विभिन्न हिस्सों से आए पत्रकारों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इस दौरान सुभाष सिंह, बैजनाथ अवस्थी, पवन देव सिंह, वीरेंद्र तिवारी, अभय सिंह, लखनलाल मिश्र, अनुराग मिश्र, अंकज मिश्र, प्रभात तिवारी, शिवकुमार पाण्डेय, मोहित मिश्र, अनिल शुक्ल, रविकान्त मिश्रा, आशीष कुमार चौरसिया और अंग्रेज गुप्ता समेत कई पत्रकार मौजूद रहे।

पत्रकारों की चेतावनी – अगर न्याय नहीं मिला तो होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन

प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने सरकार और प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र न्याय नहीं मिला और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

पत्रकारों ने सरकार से मांग की कि पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए, जिससे पत्रकारों पर हमले करने वालों को कड़ी सजा मिल सके और लोकतंत्र के इस मजबूत स्तंभ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

अब निगाहें सरकार और प्रशासन पर – क्या मिलेगा न्याय?

अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार और प्रशासन इस मांग पर क्या कदम उठाते हैं? क्या दिवंगत पत्रकार के परिवार को न्याय मिलेगा? क्या दोषियों को फांसी की सजा दी जाएगी? और क्या सरकार पत्रकार सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कानून बनाएगी?

यदि ऐसा नहीं हुआ, तो पत्रकार समाज शांत नहीं बैठेगा और इस अन्याय के खिलाफ बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होगा।

 

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